प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुहावरे/लोकोक्तियाँ भाग - 01 (हिन्दी व्याकरण)

1.ऊधों का लेना न माधो का देना – लटपट से अलग रहना 

2. आधा तीतर आधा बटेर – बेमेल स्थिति 

3. आग लगाकर जमालो दूर खड़ी – झगड़ा लगाकर अलग हो जाना 

4. सारी रामायण सुन गये, सीता किसकी जाये (जोरू) – सारी बात सुन जाने पर साधारण सी बात का भी ज्ञान न होना 

5. मन चंगा तो कठौती में गंगा – हृदय पवित्र तो सब कुछ ठीक 

6. अशर्फी की लूट और कोयले पर छाप – मूल्यवान वस्तुओं को नष्ट करना और तुच्छ को सँजोना 

7. कहाँ राजा भोज कहाँ भोजवा (गंगू) तेली – छोटे का बड़े के साथ मिलान करना 

8. इतनी-सी जान, गज भर ही जबान – छोटा होना पर बढ़-बढ़कर बोलना 

9. हंसा थे सो उड़ गये, कागा भये दीवान – नीच का सम्मान 

10. भागते भूत की लँगोटी ही सही – जाते हुए माल में से जो मिल जाय वही बहुत है 

11. अपना ढेंढर न देखे और दूसरे की फूली निहारे – अपना दोष न देखकर दूसरों का दोष देखना 

12. गुरु गुड़ चेला चीनी – गुरु से शिष्य का ज्यादा काबिल हो जाना 

13. हाथी चले बाजार, कुत्ता भूँके हजार – उचित कार्य करने में दूसरों की निन्दा की परवाह नहीं करनी चाहिए 

14. आँख का अंधा नाम नयनसुख – गुण के विरुद्ध नाम 

15. देशी मुर्गी, विलायती बोल – बेमेल काम करना 

16. ईंट का जवाब पत्थर – दुष्ट के साथ दुष्टता करना 

17. बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद – मूर्ख गुण की कद्र करना नहीं जानता 

18. मँगनी के बैल के दाँत नहीं देखे जाते – मुफ्त मिली चीज पर तर्क व्यर्थ 

19. आप भला तो जग भला – स्वयं अच्छे तो संसार अच्छा 

20. चमड़ी जाय, पर दमड़ी न जाय – महा कंजूस।

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